अपने एक मित्र के जरिये मनमोहन जी की कुछ कविताएं पढ़ने को मिली. उनकी कवितायें किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. नीचे उनकी कविताओं का लिंक दिया है, उनसे रूबरू होने पर आप खुद ही समझ जायेंगे
http://ek-ziddi-dhun.blogspot.com/2008/11/blog-post.html
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